इंट्राडे ट्रेडिंग करने का आदर्श तरीका (Ideal Intraday Trading Procedure in Hindi):
आप किसी भी प्रकार के ट्रेडिंग का लेन देन करने से पूर्व, आगे दी गई जानकारी की मदद से आगे बढिए।
1: हर पोजिशन के लिए अपनी पूँजी को विभाजित कीजिए (Step 1 : Allocate Capital per Position):
ट्रेडिंग की शुरूआत करने से पहले आपको हर पोजिशन के लिए रकम विभाजित करनी चाहिए। आपको ट्रेडिंग के लिए कितने स्क्रिप्ट में पोजिशन लेनी है और आपके पास कितनी पूँजी है इसके आधार पर वह रकम निश्चित की जाती है।
उदाहरण देकर बताना हो तो आपके पास रू.1,00,000 की पूँजी है। आपको पाँच ट्रेडिंग पोजिशन बाटना है। तो आप किसी भी एक पोजिशन में रू.20,000 का निवेश कर सकते है। इस से ज्यादा निवेश एक पोजिशन में मत कीजिए।
2: हर पोजिशन में ज्यादा से ज्यादा कितने शेअर्स की ट्रेडिंग करनी चाहिए इसकी गिनती कीजिए (Step 2: Calculate Maximum Shares per Position):
ट्रेडिंग की हर पोजिशन में अधिकतम रकम का निवेश करने का निर्णय लेने के बाद उसमें जादा से जादा कितने शेअर्स का ट्रेडिंग किया जा सकता है यह निश्चित कीजिए।
ज्यादा से ज्यादा कितने शेअर्स का ट्रेडिंग कर सकते है इसका निर्णय, शेअर्स का भाव क्या है उस पर निर्भर होता है। शेअर्स का भाव जितना जादा होगा उतनी ही ट्रेडिंग करने केलिए शेअर्स की संख्या कम होगी।
उपर दिए उदाहरण ऐसा दिखता है कि हर ट्रेडिंग पोजिशन केलिए रू.20,000 की रकम निश्चित की गई है।
शेअर्स का भाव रू.100 होगा तो निवेशक अधिक से अधिक 200 शेअर्स की खरीदारी कर सकते है। उसी तरह दुसरे किसी शेअर्स का भाव 50रू. होगा तो निवेशक रू.20,000 में 400 शेअर्स का ट्रेडिंग कर सकते है।
3: हर ट्रेडिंग से होनेवाली हानी को 2% तक ही सिमित रखिए (Step 3 : Determine 2 percent Risk per Trade)
इससे पहले हमने बाताया है कि (रिस्क मॅनेजमेंट) जोखिम का नियंत्रण करने के लिए कुल रकम का 2% अधिक नुकसान नहीं होनी चाहिए।
ऊपर दिये उदाहरण की तरह ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास की पूँजी रू.20,000 है। दो प्रतिशत के हिसाब से रू.20,000 के ट्रेडिंग पर होनेवाला घाटा रू. 400 से अधिक नहीं होगा ऐसा आयोजन करना चाहिए।
4: स्टॉप लॉस का प्रमाण निश्चित कीजिए ( Step 4: Determine the Stop – Loss Point)
स्टॉप लॉस शब्द से ही ऐसा जान पड़ता है कि यह आपके फायदे का रक्षण करने के लिए है या फिर वह घाटा कम करने के लिए है।
शेअर्स के भाव पर स्टॉप लॉस निर्भर होता है। ज्यादा भाव के शेअर्स में स्टॉप लॉस की रेंज अधिक रखने की सलाह दी जाती है। उसी तरह कम भाव के शेअर्स केलिए स्टॉप लॉस की रेंज कम रखने की सलाह दी जाती है।
उदाहरण देकर बताना हो तो डे ट्रेडर रू.100 से रू.200 के भाव वाले शेअर्स की ट्रेडिंग करते हो तो उन्हे उसके लिए रू.4 से रू.5 की रेंज में स्टॉप लॉस रखना चाहिए और रू.1000 से रू. 1100 के भाववाले शेअर्स का ट्रेडिंग करते हो तो उनके लिए रू. 15 से रू.20 की रेंज में स्टॉप लॉस रखना चाहिए।
5: अधिकतम पोजिशन के साईज की गिनती कीजिए (Step 5 : Calculate Maximum Position Size)
हमने दुसरे मुद्दे में जो देखा वह पोजिशन में ज्यादा से ज्यादा कितने शेअर्स का ट्रेडिंग करना चाहिए। मगर वास्तविक रूप में ट्रेडिंग करने केलिए हमें कित शेअर्स की पोजिशन बनानी है वह हम स्टॉप लॉस कितनी रकम का रखते हो उस पर निर्भर होता है। नीचे एक उदाहरण देकर उसकी पूरी जानकारी दी गई है।
जैसे की तीसरे मुद्दे में दिया है आपका अधिकतम जोखिम या लॉस रू.400 का है।
अब अगर आप स्टॉप लॉस रू.4 का रखते है याने कि रू.100 के शेअर्स रू. 96 के स्टॉप लॉस से खरीदे, तो आप 100 शेअर्स का ही ट्रेडिंग कर सकते हो। यह संख्या दुसरे मुद्दे में दिए शेअर्स की संख्या से कम है।
इसी तरह अगर आपने स्टॉप लॉस रू. 9 रखा याने कि रू.100 के शेअर्स रू.99 के स्टॉप लॉस से खरीदे तो आप 400 शेअर्स का ट्रेडिंग कर सकते है। परंतु दूसरे मुद्दे के अनुसार आप जादा से जादा 200 शेअर्स का ट्रेडिंग कर सकते है। इसलिए आपको २०० शेअर्स का ही ट्रेडिंग करना चाहिए। रू. 100 कीमत के शेअर्स रू.98 के स्टॉप लॉस से याने कि रू. 2 का घाटा सहने केलिए राजी होकर ही खरीदे है इसलिए डे ट्रेडिंग करनेवाले ने अधिकतम रू.400 का घाटा सहने का निश्चित करके 200 शेअर्स का ट्रेडिंग कर सकते है।
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